राज्य कर विभाग में अधिकारी रह चुके धनंजय सिंह ने कहा कि मेरे भाई को अंतिम स्टेज के कैंसर की बात सरासर गलत है।
संजय को दस वर्ष पहले प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हुई थी। इसे शुरुआती स्टेज में ही पकड़ लिया गया था। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज से वह बिल्कुल ठीक हो गए थे। रोजाना ऑफिस जा रहे थे और विभागीय कामकाज कर रहे थे। यदि चौथे चरण का कैंसर होता तो क्या ये संभव होता? उन्होंने आरोप लगाया कि इस समय पूरा विभाग तनावग्रस्त है। विभाग की स्थितियां ऐसी हैं कि वहां दबाव बहुत बढ़ गया है।
धनंजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि उनके भाई की फालोअप में थोड़ी दवाएं चल रही थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के उच्चाधिकारियों की शैली प्रताड़ना वाली है। उन्होंने कहा कि संजय को खंड दो का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था जबकि मेरा भाई कतई इच्छुक नहीं था। संजय ने वरिष्ठ अधिकारी से कहा भी था और इस वजह से तनावग्रस्त था।...