पूर्ण पीठ ने यह अहम फैसला सुधीर मिश्र, आशाराम पांडेय, अखिलेश कुमार शर्मा, आशुतोष त्रिपाठी, मुकेश कुमार, हिरदेश कुमार व 2 अन्य बर्खास्त परिवीक्षाधीन न्यायिक अधिकारियों की छह याचिकाओं को मंजूर करके दिया। इनमें याचियों ने बर्खास्तगी संबंधी आदेशों को चुनौती देकर न्यायिक सेवा में बहाल करने का आग्रह किया था।
पूर्ण पीठ ने मामले में उठाए गए सवालों का उत्तर देते हुए कहा कि चूंकि याचियों को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दंडात्मक प्रकृति का था। ऐसे में उन्हें पदमुक्त करने से पहले जांच और अपना पक्ष पेश करने (सुनवाई) का मौका देने के सिद्धांत का पालन किया जाना चाहिए था।
फैसले के मुताबिक याचियों ने वर्ष 2013 में प्रांतीय सिविल सेवा (न्यायिक) पास करने के बाद अति...